नाग पंचमी पर पूजे जाने वाले आठ नाग और उनका भोलेनाथ से संबंध
नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सावन महीने में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग देवता भगवान शिव के प्रिय हैं और इनकी पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख मिलता है। आइए जानते हैं कि नाग पंचमी पर किन आठ नागों की पूजा की जाती है और इनका भोलेनाथ से क्या संबंध है-
8 प्रमुख नाग देवता
वासुकि नाग
वासुकि नाग देवताओं के राजा हैं और भगवान शिव के गले में रहने वाले नाग हैं। इनकी पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
अनंत नाग
अनंत नाग भगवान विष्णु के शयनासन के रूप में जाने जाते हैं। इनकी पूजा करने से दीर्घायु और निरोगी काया प्राप्त होती है।
शेषनाग
शेषनाग भी भगवान विष्णु के शयनासन हैं। इनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पद्मनाभ नाग
पद्मनाभ नाग भगवान विष्णु के नाभि कमल से उत्पन्न हुए थे। इनकी पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
कालीया नाग
कालिया नाग को भगवान कृष्ण ने कुश्ती में हराया था। इनकी पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है।
तक्षक नाग
तक्षक नाग पांडवों के शत्रु दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण को डसने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनकी पूजा करने से सर्पदंश से रक्षा होती है।
कुलीर नाग
कुलीर नाग को जल का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से वर्षा होती है और फसल अच्छी होती है।
महापद्म नाग
महापद्म नाग को समुद्र का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
नाग देवताओं का भोलेनाथ से संबंध
नाग देवता भगवान शिव के परम भक्त हैं। भगवान शिव के गले में वासुकि नाग लिपटे हुए हैं। नाग देवता भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई कठोर तपस्या करते हैं। मान्यता है कि नाग देवताओं की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
नाग पंचमी पर नाग देवताओं की पूजा करने के कई लाभ
- धन और वैभव की प्राप्ति
- दीर्घायु और निरोगी काया
- मोक्ष की प्राप्ति
- ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति
- शत्रुओं का नाश
- सर्पदंश से रक्षा
- वर्षा और अच्छी फसल
पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवताओं की मूर्ति या चित्र पर दूध, दही, घी, फल और फूल चढ़ाते हैं। साथ ही, नाग मंत्रों का जाप भी करते हैं।
- सबसे पहले पूजा के लिए एक साफ स्थान चुनें। वहां एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर नाग देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- कलश में गंगाजल भरकर उसे स्थापित करें।
- शंख बजाकर पूजा की शुरुआत करें।
- दीपक जलाकर नाग देवता को अर्घ्य दें।
- नाग देवता को गंगाजल से स्नान कराएं।
- नाग देवता को चंदन और रोली का तिलक लगाएं।
- नाग देवता को फूल अर्पित करें।
- धूप और दीप दिखाएं।
- नाग देवता को नैवेद्य अर्पित करें।
- नाग देवता के मंत्र का जाप करें।
- ओम नमो भगवते वासुकि देवाय नमः
- नाग देवता की आरती करें।
- नाग देवता से अपनी मनोकामनाएं मांगें।