सनातन धर्म में यमराज और शनिदेव को न्याय का प्रमुख देवता माना जाता है। जोकि कर्म और धर्म के महत्व को उजागर करते हैं। यमराज को मृत्यु का देवता भी कहा गया है, जो आत्मा को उसके कर्मों के आधार पर न्याय प्रदान करते हैं। वहीं, शनिदेव कर्मफल के देवता हैं, जो व्यक्ति को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का परिणाम इसी जीवन में दे देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दोनों देवता सूर्यपुत्र है और आपस में भाई हैं। यही कारण है कि यमराज और शनिदेव की पूजा एक साथ करने से दीर्घायु, सौभाग्य और जीवन की बाधाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। इस बार शनिवार को इन दोनों देवताओं की संयुक्त पूजा के विशेष योग बन रहे हैं। माना जाता है कि इस विशेष संयोग में यमदण्ड मुक्ति, 19000 शनि मूल मन्त्र जाप एवं यज्ञ करने से शनिदेव एवं यमराज से दीर्घायु के साथ दुर्भाग्य एवं विलम्ब से सुरक्षा का आशीष भी प्राप्त हो सकता है।