🌺 पहली बार श्री मंदिर संग माँ भद्रकाली के प्राकट्य दिवस पर देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ में महाचढ़ावा अर्पित करें।
📜 पुराणों के अनुसार जब दक्ष ने शिव जी का अपमान किया और सती ने यज्ञ में अपने प्राण त्याग दिए, तब माँ भद्रकाली प्रकट हुई। इन्हें तीनों लोकों की रक्षिका कहा जाता है। जिनका जन्म अधर्मियों एवं राक्षसों को समाप्त करने एवं धर्म की रक्षा के लिए हुआ।
🛕 भद्रकाली शक्तिपीठ में चढ़ावा सेवा क्यों करें?
🌟 यह वहीं स्थान हैं, जहां महाभारत की शुरुआत से पहले पांडव, श्री कृष्ण के संग विजयप्राप्ति का आशीर्वाद लेने आएं थे और युद्ध से पहले उन्होंने अपने सभी अस्त्रों शस्त्रों की पूजा की थी।
🕉️ चढ़ावा सेवा कैसे होगी?
🔱 भद्रकाली जयंती के दिन मंदिर के मुख्य पुरोहित जी आपके नाम संकल्प से चढ़ावा अर्पित करेंगे। जिसका वीडियो प्रमाण चढ़ावा पश्चात 24-48 घंटों में आपको ऐप पर प्राप्त होगा।
🕉️ 51 शक्तिपीठों में शामिल इस दिव्य शक्तिपीठ में महाचढ़ावा कर- भय, शत्रु, तांत्रिक प्रहार, नज़र दोष एवं जीवन संकटों से सुरक्षा का आशीर्वाद पाएं।